खबर अल्मोड़ा – अधिवक्ता विनोद फुलारा और मोहन सिंह देवली की प्रभावी दलीलों के चलते अभियुक्तों को मिली जमानत
अल्मोड़ा ब्यूरो– देघाट पुलिस ने 26 जनवरी 2025 को अभियुक्त पीयूष चंद्र और मोहम्मद हुसैन को क्रमशः 9.746 किलोग्राम व 7.856 किलोग्राम गांजे के साथ गिरफ्तार किया था। पुलिस ने दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।

अभियुक्तों की ओर से जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया गया, जिसमें उनके विद्वान अधिवक्ताओं विनोद फुलारा और मोहन सिंह देवली ने दमदार पैरवी करते हुए तर्क दिया कि अभियुक्तों को इस मामले में झूठा फंसाया गया है। उनका कहना था कि अभियुक्तों के पास से कोई अवैध गांजा बरामद नहीं हुआ है, पुलिस ने झूठी बरामदगी दर्शाई है, और एनडीपीएस एक्ट के आज्ञापक प्रावधानों का सही तरीके से अनुपालन नहीं किया गया।
अधिवक्ताओं ने यह भी बताया कि घटनास्थल मुख्य मोटर मार्ग होने के बावजूद कोई स्वतंत्र गवाह नहीं लिया गया, और फर्द बरामदगी में दर्शाए गए कट्टे का वजन 7.940 किलोग्राम दिखाया गया, जो व्यवसायिक श्रेणी में नहीं आता। अभियुक्तों का कोई आपराधिक इतिहास नहीं है, और जमानत मिलने पर वे इसका दुरुपयोग नहीं करेंगे।
मामले की सुनवाई करते हुए सत्र न्यायाधीश, अल्मोड़ा ने अभियुक्तों के जेल में निरूद्ध होने, बरामदशुदा गांजे की मात्रा, और मामले की अन्य परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए जमानत याचिका को स्वीकार कर लिया। न्यायालय ने कहा कि मामले के गुण-दोष पर विचार किए बिना अभियुक्तों को जमानत दिया जाना उचित प्रतीत होता है।
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